गीत संग्रह ' हिंदी-उर्दू '

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     ग़ज़ल : निशान  

    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम
    जब गुज़रते हैं उन मक़ामों से, जहाँ रखे थे हमने कदम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 

    ज़ख़्म भरते हैं, वक़्त लगता है, नहीं होते कभी निशान कम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 
    ज़ख़्म भरते हैं, वक़्त लगता है, नहीं होते कभी निशान कम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 

    हवाएँ भी तब चुभती हैं, जलता है जब यह तन-बदन,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 
    हवाएँ भी तब चुभती हैं, जलता है जब यह तन-बदन,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 

    दिल हल्का-सा थम जाता है, देखते हैं जब तेरी तस्वीर हम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 
    दिल हल्का-सा थम जाता है, देखते हैं जब तेरी तस्वीर हम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 

    सनम अधूरा क्या छोड़ गए, लड़खड़ाने लगे हैं कदम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 
    सनम अधूरा क्या छोड़ गए, लड़खड़ाने लगे हैं कदम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम 

    दिल लगाके आपसे ‘नूरम’, मोहोबत का टूटा भरम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम
    दिल लगाके आपसे ‘नूरम’, मोहोबत का टूटा भरम,
    बहुत आती हैं यादें तेरी, पर नहीं होती अब आँखें नम

     गीत : किस्मत के प्यादे  

    .कब कोई किसी का होता है, सब किस्मत के प्यादे हैं,
    अगर होती है सुबह कहीं, तो कहीं रात के साये है।

    दिल का आना है, किसी लहर की तरह,
    दिल का आना है, किसी लहर की तरह,
    और टूटना है, साहिल छूटने की वजह।
    दिल पे लिखा नाम तेरा, दिल पे लिखा नाम तेरा।
    उसे अब हाथों से मिटाना है।

    वादा मिलने का करना, किसी दरिया की तरह,
    वादा मिलने का करना, किसी दरिया की तरह,
    और न निभाना है, रास्ता बदलने की अदा।
    दुआओं में शामिल नाम तेरा, दुआओं में शामिल नाम तेरा।
    अभी खुदा को भी समझाना है।

    कब कोई किसी का होता है, सब किस्मत के प्यादे हैं
    अगर होती है सुबह कहीं, तो कहीं रात के साये है।

    इश्क़ की परवाज़ नहीं, किसी परिन्दे की तरह,
    इश्क़ की परवाज़ नहीं, किसी परिन्दे की तरह,
    जिसे थकना है और फिर, लौट जाना है।
    हम इश्क़ की आँधी में उजड़े हैं, हम इश्क़ की आँधी में उजड़े हैं।
    फिर उसी दिल में घर बनाना है।

    कब कोई किसी का होता है, सब किस्मत के प्यादे हैं
    अगर होती है सुबह कहीं, तो कहीं रात के साये है।

    प्यार की सेज नहीं, सूखे काँच की तरह,
    प्यार की सेज नहीं, सूखे काँच की तरह,
    जिसका टूटना है और फिर बिखर जाना है।
    यह रेशम का धागा है, यह रेशम का धागा है।
    जिसमें आँसुओं के मोती पिरोना है।

    कब कोई किसी का होता है, सब किस्मत के प्यादे हैं,
    'नूरम' होती है सुबह कहीं, तो कहीं रात के साये है।

     गीत : बालो बत्तियाँ 

    [Intro: Spoken Verse]
    .बालो बत्तियाँ असाँ यार मनाैवना वे
    रब ने साड़े लेई जिसनु तजवीज़ किताइए।
    असाँ वी ओदे लेई कुफ़्र कित्ता वे
    रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए। 

    रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए। 
    असाँ, रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए। 

    [Verse 1]
    [90’s Orchestra Violin Riff]
    जाने क्यों पसंद है, पसंद से भी ज्यादा, 
    दिल देने का, कर लिया है, हमने भी इरादा।
    हाल दिल का अब हम, बातायें क्या दोस्तों, 
    उनसे मोहोबत है, खुदा से भी ज्यादा। 

    [Chorus Echo] 
    खुदा से भी ज्यादा ...खुदा से भी ज्यादा 

    [Verse 1 Repeat]
    जाने क्यों पसंद है, पसंद से भी ज्यादा,  
    दिल देने का कर लिया है, हमने भी इरादा।
    हाल दिल का अब हम बातायें क्या दोस्तों, 
    उनसे मोहोबत है, खुदा से भी ज्यादा। 

    [Verse 2]
    [90’s Orchestra Violin Riff]
    शाम को वो चाँद है, दिन में है सबा,
    चांदनी जो राज़ है, उसमें है छुपा। 
    फूल वो खास है, गुलाब की तरह, 
    रूह का एहसास है, खुशबू की तरह। 

    [Echo Chorus Echo] 
    खुशबू की तरह… खुशबू की तरह  

    [Verse 2 Repeat]
    शाम को वो चाँद है, दिन में है सबा,
    चांदनी जो राज़ है, उसमें है छुपा। 
    फूल वो खास है, गुलाब की तरह, 
    रूह का एहसास है, खुशबू की तरह।

    [90’s Orchestra Violin Riff]
    [Outro Dynamic]
    रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए। 
    असाँ, रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए। 
    [Outro Slow]
    रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए। 
    असाँ, रब तों वद के उन्नु पसंद किताइए।

     ग़ज़ल : तेरी आवाज़  

    .मेरी ग़ज़लें तेरी आवाज़ चाहती हैं,
    एक रूह है तो लिबास चाहती है।

    मुमकिन है न पसंद हो तुम्हें मेरे जस्बात,
    यह उम्र ऐसी है कि, तेरा होना चाहती है।

    तेरे लबों पे मेरे शेर सजें, तो क्या बात हो,
    यह चिलमन है, जो गूंगट उठाना चाहती है।

    दिल की खामोशी कोई दस्तक चाहे तो, 
    मेरी तनहाई भी ख़तम होना चाहती है। 

    तेरे गले में उतर जाएँ जो मेरे एहसास,
    तेरी आरज़ू दिल में, घर बनाना चाहती है।

    तेरी आँखें जो छलक जाएं, समझना 'नूरम',
    तस्वीर-ए-मोहोबत, साफ़ दिखाना चाहती है।

     गीत : माह-ए-पारा 

    मुखड़ा
    .बेचैन दिल है, ये इश्क़ का सफ़र है,
    माह-ए-पारा तेरा ही, चर्चा आजकल है।
    बेचैन दिल है, ये इश्क़ का सफ़र है,
    संदल बदन तेरा ही जलवा आजकल है।

    अंतरा-1
    साथ छोड़ तो न दोगे, मंज़िल से पहले,
    साथ छोड़ तो न दोगे, मंज़िल से पहले।
    बाज़ार हादसों का, आजकल गर्म है,
    बाज़ार हादसों का, आजकल गर्म है।
    लहरें तो समंदर में भी, उठती हैं लेकिन,
    लहरें तो समंदर में भी, उठती हैं लेकिन।
    दिल की मौजों का, ऐतबार कम है,
    दिल की मौजों का, ऐतबार कम है।

    मुखड़ा रिपीट
    बेचैन दिल है, ये इश्क़ का सफ़र है,
    माह-ए-पारा तेरा ही, चर्चा आजकल है।
    बेचैन दिल है, ये इश्क़ का सफ़र है,
    संदल बदन तेरा ही जलवा आजकल है।

    अंतरा-2 (क्लाइमेक्स)
    इतराना तो हुस्न वालों की आदत है,
    इतराना तो हुस्न वालों की आदत है।
    तकबीरें पढ़ेंगे, ईद पे जब तुम, निकला करोगे,
    तकबीरें पढ़ेंगे, ईद पे जब तुम, निकला करोगे।
    इश्क़ के सफ़र की, खुदाई ही है मंज़िल,
    इश्क़ के सफ़र की, खुदाई ही है मंज़िल।
    “नूरम” जो हम मुर्शिद हुए, तुम क्या करोगे,
    “नूरम” जो हम मुर्शिद हुए, तुम क्या करोगे।

    मुखड़ा रिपीट
    बेचैन दिल है, ये इश्क़ का सफ़र है,
    माह-ए-पारा तेरा ही, चर्चा आजकल है।
    बेचैन दिल है, ये इश्क़ का सफ़र है,
    संदल बदन तेरा ही जलवा आजकल है।

     ग़ज़ल : बारिश की कहानी  

    .सुन बारिश की बूंदें, क्यों बहती है,
    सुन बारिश की बूंदें, क्यों बहती है।
    बिछड़ा है, चाँद मेरा, चाँदनी कहती है,
    सुन बारिश की बूंदें, क्या कहती हैं।

    रोशन थी जिससे, होती थीं पूर्णूर रातें,
    रोशन थी जिससे, होती थीं पूर्णूर रातें।
    वो लम्हें अब, बादलों में गर्ज बनके रहते हैं,
    सुन बारिश की बूंदें, क्या कहती हैं।  

    बिछड़ना ही था तो मिलने का, वादा क्यों किया,
    बिछड़ना ही था तो मिलने का, वादा क्यों किया।
    इनहीं बातों से, मोहोबत, दाग होती है,
    सुन बारिश की बूंदें, क्या कहती हैं।  

    जब्र देता है, तेरे ख़तों का सिलसिला,
    जब्र देता है, तेरे ख़तों का सिलसिला।
    हमारा तो अब, जीने का कोई इरादा न था,
    सुन बारिश की बूंदें, क्या कहती हैं।  

    तुम्हें जाना ही था, तो चले जाते 'नूरम',
    तुम्हें जाना ही था तो चले जाते 'नूरम'।
    हाथ हिला के यूँ, जतलाया क्यों था,
    सुन बारिश की बूंदें, क्या कहती हैं।

     गीत : कोई बात तो है 

    .गले लग के वो रोए हैं, कोई बात तो है,
    रात भर, सोए नहीं, कोई बात तो है
    होने लगी है उन्हें निस्बत, आसार तो हैं,
    दीवानगी और सर्द रातें, कुछ जज़्बात तो हैं

    गुनगुनाते मुस्कुराते, आते जाते यूं ही,
    यह ज़ुल्फें उड़ाना, कोई बात तो है
    छाने लगी है उनपे नज़ाकत इस क़दर,
    बात बात पे इतराना, कोई राज़ तो है

    गले लग के वो रोए हैं, कोई बात तो है,
    रात भर, सोए नहीं, कोई बात तो है

    बदस्तूर चले आए, वोह ज़िंदगी में,
    आके दिल में घर बसाना, कोई बात तो है
    ख़ाबों में आ के हमें चौका देना,
    और नाम से न बुलाना, कोई बात तो है

    गले लग के वो रोए हैं, कोई बात तो है,
    रात भर, सोए नहीं, कोई बात तो है

     गीत : तेरी मोहोबत का 

    .तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है,
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है। 
    तू पास होता है, तू (जब) पास होता है,
    तो दूर (क्यों) महसूस होता है। तेरी मोहोबत का... 

    बिस्मिल हर शाम की अंगड़ाई है,
    बिस्मिल हर शाम की अंगड़ाई है,
    जो खास होता है, (वो) जो खास होता है,
    वही क्यों दगा देता है। तेरी मोहोबत का...

    अंदाज़-ए-वफ़ा भी बयान करता है,
    अंदाज-ए-वफ़ा भी बयान करता है,
    इश्क़ पहला है, इश्क़ (यह) पहला है,
    और दिल अभी टूटा है। तेरी मोहोबत का…

    क़स्में वादे और जवानी का नशा,
    क़स्में वादे और जवानी का नशा,
    उम्र कच्ची है, उम्र (अभी) कच्ची है,
    देखें. क्या हाल होता है। तेरी मोहोबत का...

    जस्बातों की रवानगी, भटकने का डर,
    जस्बातों की रवानगी, भटकने का डर,
    क्या कहें 'नूरम', (हम) क्या कहें 'नूरम',
    जब यह दिल मचलता है। तेरी मोहोबत का…

    Sufi reprise [पुनरावृत्त-पहली मोहोबत] 
    ग़ज़ल : तेरी मोहोबत का
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है,
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है।
    तू पास है, तो दूर क्यों महसूस होता है, 
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है।

    बिस्मिल हर शाम की अंगड़ाई है,
    बिस्मिल हर शाम की अंगड़ाई है।
    जो खास होता है, वही क्यों दगा देता है ,
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है।

    अंदाज़-ए-वफ़ा भी बयान करता है,
    अंदाज-ए-वफ़ा भी बयान करता है।
    इश्क़ पहला है, और दिल अभी टूटा है,
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है।

    क़स्में वादे और जवानी का नशा,
    क़स्में वादे और जवानी का नशा।
    उम्र कच्ची है, देखें. क्या हाल होता है,
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है।

    जस्बातों की रवानगी, भटकने का डर,
    जस्बातों की रवानगी, भटकने का डर।
    क्या कहें 'नूरम', जब यह दिल मचलता है,
    तेरी मोहोबत का, अंदाज़ भी जुदा है।

     गीत : पहली मोहब्बत 

    .हम दीवाने भी ना हुए जो, आप हुस्न क्या कीजिये,
    पहली मोहब्बत है सनम, कुछ करम तो कीजिये।
    हम दीवाने भी ना हुए जो, आप हुस्न क्या कीजिये,
    पहली मोहब्बत है सनम, कुछ करम तो कीजिये। 

    दिल आया है आप पे तो, दिल्लगी ना कीजिये, 
    सालों से संभाला है इसे, कुछ रहम तो कीजिये। 
    दिल आया है आप पे तो, दिल्लगी ना कीजिये, 
    सालों से संभाला है इसे, कुछ रहम तो कीजिये। 

    बाइज है ना जायज है, मुलाकात तो कीजिये,
    थामें हुए है खुद को, पहला कदम तो लीजिये। 
    बाइज है ना जायज है, मुलाकात तो कीजिये,
    थामें हुए है खुद को, पहला कदम तो लीजिये। 

    लिख दिया नाम दिल पे, एक नज़र तो कीजिये,
    दे रहा है दिल सदायें, बेतकल्लुफ़ी ना कीजिये।
    लिख दिया नाम दिल पे, एक नज़र तो कीजिये,
    दे रहा है दिल सदायें, बेतकल्लुफ़ी ना कीजिये।

    कब के सो चुके है अरमाँ, शमा तो भुजा दीजिये,
       दे के कोई भरम नया, 'नूरम’ आस जगा दीजिये।   
    कब के सो चुके है अरमाँ, शमा तो भुजा दीजिये,
    दे के कोई भरम नया, 'नूरम’ आस जगा दीजिये।

     गीत : Heartless Girl Oh! 

    .Your life goes around..
    and My life goes around you.
    कदों मैं दसां तेनू, गल्लां दिल दियाँ, 
    किवें मैं करां अपनी गल्ल शुरू? 
    Kill मैं कराँ फीलिंगां अपनियाँ,
    मरे लेई हर वक्त busy होनी है तू, 
    your feelings are fading for me, O baby, 
    and I am dying for you.

    किन्नी busy रेह्न्दी है तू, 
    कित्थे busy रेह्न्दी है तू? 
    Baby you don’t care for me, Baby 
    You don’t love me any more 

    मैं बन जाऊँ गीत वो, धुन जिसकी तुम हो,
    गुनगुनाए बहार जो, ऐसा अपना प्यार हो। 

    दीवानों के तरह, चाहूँ तुझे, दिल चीर के देख लो, 
    दिल की सेज पे तेरा नाम है, जो एतबार न हो।

    वीराँ था जीवन मेरा, बिन तेरे लगता था अधूरा, 
    सपना तेरे प्यार का, है आँखोँ  में समाया हुआ।  

    ये जो जज़्बात हैं, इसी का नाम तो प्यार है, 
    दीवानों की यह है हस्ती, दो दिलों का करार है।  

    जीने की न कोई ख्वाहिश थी, ज़िंदगी में ना कोई आस थी, 
    लगती थी झूठी हर ख़ुशी, मुझे तो बस तेरी तलाश थी। 

    किन्नी busy रेह्न्दी है तू, 
    कित्थे busy रेह्न्दी है तू? 
    Baby you don’t care for me, Baby 
    You don’t love me any more. 


    चाहा  था कोई तो मेरा हो, जिसे मैं अपना कहूँ,
    क्यूँ आए ज़िंदगी में मेरी? कहतें हैं दीवाने अब सभी। 

    फूलों के से रंग लिए, तितली के से ढंग लिए, 
    ऐसे आए तुम ज़िंदगी में, नफ़रत हो गई प्यार से। 

    जब तुम आये थे, खुश रंग लाये थे,
    सोचा भी नहीं था, ऐसा होगा कभी।

    जिंदगी जलती हुई सी, अब एक चिता है, 
    जलते है अरमाँ, और ना कोई दवा है। 

    होंठों पे अब सिर्फ प्यास है, रूठी मुझसे अब हर आस है, 
    हाशिये पे मेरा बर्दाश्त है, तेरी जफ़ा! बेवफा वोह आग है

    किन्नी busy रेह्न्दी है तू, 
    कित्थे busyरेह्न्दी है तू? 
    Baby you don’t care for me, Baby 
    You don’t love me any more. 

    Your life goes around..
    and My life goes around you
    कदों मैं दसां तेनू, गल्लां दिल दियाँ, 
    किवें मैं करां अपनी गल्ल शुरू? 
    Kill मैं कराँ फीलिंगां अपनियाँ,
    मरे लेई हर वक्त busy होनी है तू, 
    your love is dying for me, O baby, 
    and I am dying for you.

     ग़ज़ल : आवारगी 

    .दिल की आवारगी का, सबब है कि तुम, गैर की बाँहों में खो गए।
    आँखों की यह हया, बोलती है कि तुम, सनम किसी और के हो गए।
    दिल की आवारगी का, सबब है कि तुम, गैर की बाँहों में खो गए।
    आँखों की यह हया, बोलती है कि तुम, सनम किसी और के हो गए।

    यादों में तेरी तड़प के हम, ख़ुद को कोसते हैं, ख़ुदा से पूछते हैं।
    यादों में तेरी तड़प के हम, ख़ुद को कोसते हैं, ख़ुदा से पूछते हैं।
    ज़ुबाँ खामोश है, दिल देता है सदा, चाहतें हैं जिसे, वही क्यों दर्द देता है?
    ज़ुबाँ खामोश है, दिल देता है सदा, चाहतें हैं जिसे, वही क्यों दर्द देता है?

    आईना भी अब हमसे मुँह मोड़ लेता है, इश्क़ क्या हाल बना देता है?
    आईना भी अब हमसे मुँह मोड़ लेता है, इश्क़ क्या हाल बना देता है?
    ना शिकवा है ना कोई फ़रियाद. जब, कोई बेवफ़ाई को, रज़ा मान लेता है।
    ना शिकवा है ना कोई फ़रियाद. जब, कोई बेवफ़ाई को, रज़ा मान लेता है।

    हमने चाहा तुम्हें चुम्बिश की तरह, क्या कहें जब अब्र ही दगा देता है।
    हमने चाहा तुम्हें चुम्बिश की तरह, क्या कहें जब अब्र ही दगा देता है।
    हमने चाहा तुम्हें साँसों की तरह, क्या कहें जब सब्र ही दगा देता है।
    हमने चाहा तुम्हें साँसों की तरह, क्या कहें जब सब्र ही दगा देता है।

    ग़ैरों को ख्वाबों में भी, ना जगह दी हमने, हर आँसू तुझे इलज़ाम देता है।
    ग़ैरों को ख्वाबों में भी, ना जगह दी हमने, हर आँसू तुझे इलज़ाम देता है।
    जाम आख़री, वक़्त भी आख़िरी, 'नूरम' यादों का मिटना भी, वक़्त लेता है।
    जाम आख़री, वक़्त भी आख़िरी, 'नूरम' यादों का मिटना भी, वक़्त लेता है।

    दिल की आवारगी का, सबब है कि तुम, गैर की बाँहों में खो गए।
    आँखों की यह हया, बोलती है कि तुम, सनम किसी और के हो गए।

     गीत : अगर तू कहे 

    .मैं बैठ जाऊँ पास तेरे, सनम, अगर तू कहे,
    मैं बैठ जाऊँ पास तेरे, सनम, अगर तू कहे,
    संवार लूँ, किस्मत मेरी, जो तेरी ज़ुल्फ़ें कहें।
    संवार लूँ, किस्मत मेरी, जो तेरी ज़ुल्फ़ें कहें।

    मैं बैठ जाऊँ पास तेरे, सनम, अगर तू कहे,
    मैं बैठ जाऊँ पास तेरे, सनम, अगर तू कहे।

    पी के रिन्द, तेरी आँखों से, ऐसे बहक जाऊँ,
    पी के रिन्द, तेरी आँखों से, ऐसे बहक जाऊँ,
    ता-उम्र. होश में ना आऊं, जो तू कहे।
    ता-उम्र. होश में ना आऊं, जो तू कहे।

    मैं छोड़ दूँ इबादत, काफिर भी ना बनूं,
    मैं छोड़ दूँ इबादत, काफिर भी ना बनूं,
    बन के जियूँ  मुरीद तेरा, जो तू कहे।   
    बन के जियूँ  मुरीद तेरा, जो तू कहे।   

    ज़प्त के इम्तिहान से, गुज़रा है दिल मेरा, 
    ज़प्त के इम्तिहान से, गुज़रा है दिल मेरा, 
    कर दूँ इकरार-ए-मोहब्बत, जो तू कहे।
    कर दूँ इकरार-ए-मोहब्बत, जो तू कहे।

    जाते हुए बहार ने, तेरा नाम पूछ लिया,
    जाते हुए बहार ने, तेरा नाम पूछ लिया,
    मैं चाँद कहूँ या जान, 'नूरम' जो तू.. कहे।
    मैं चाँद कहूँ या जान, 'नूरम' जो तू.. कहे।

    मैं बैठ जाऊँ पास तेरे, सनम, अगर तू कहे,
    मैं बैठ जाऊँ पास तेरे, सनम, अगर तू कहे।

     गीत : सोहना माहिया 

    .मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया,
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया। 

    मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया,
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया। 

    मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया,
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया। 
    नहीं सुनता है, मेरे दिल की पुकार,
    नहीं समझें है, मेरे दिल का हाल, 
    मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया 

    दिल की किताब पे, नाम लिखा तेरा,
    कहती है धड़कन, पिया पिया...आ...।

    दिल की किताब पे, नाम लिखा तेरा,
    कहती है धड़कन, दिया दिया...आ...,
    भूल के भी मैं, भूल न पाऊँ,
    प्यार तेरा मुझे, इतना प्यारा।
    मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया,
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया। 

    मेरी आँखों में, ख्वाब है तेरा,
    ढूंढें है अखियां, पिया पिया...आ...। 

    मेरी आँखों में, ख्वाब है तेरा,
    ढूंढें है अखियां, पिया पिया...आ…, 
    अगर तुम्हें, जी भर के न देखें, 
    तो ना सोती हैं, यह अखियां।
    मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया,
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया।

    कस ले बाँहों में, अरमान है मेरा,
    चूम लें होठों को, एहसास मिले तेरा। 

    कस ले बाँहों में, अरमान है मेरा,
    चूम लें होठों को, एहसास मिले तेरा,
    तेरी बन के रहूँ, थाम ले हाथ मेरा,
    सात जन्मों का साथ, वादा है मेरा।
    मेरा यार, मेरा यार, मेरा सोहना माहिया, 
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया।

    मेरा यार, मेरा प्यार, मेरा सोहना माहिया,
    मेरा यार, दिलदार, मेरा सोहना माहिया। 

     गीत : क्या बात थी 

    .वो क्या बात थी, जिसने तुम्हें. मेरा होने.. न दिया..,
    वो क्या बात थी, जिसने तुम्हें, मेरा होने ना.. दिया..।
    किसी की मुलाक़ात ने तुम्हें, बेवफ़ा बना दिया। 
    वो क्या बात थी, जिसने तुम्हें, मेरा होने ना दिया।

    क्या हुईं वो बहारें, जो तुम्हें मेरा, पता बताती थीं,
    क्या हुईं वो बहारें, जो तुम्हें मेरा, पता बताती थीं।
    किसी भँवरे ने तुम्हें,मेरे दिल का, रास्ता भुला दिया।
    वो क्या बात थी, जिसने तुम्हें, मेरा होने ना दिया।

    कैसे काटीं वो सर्द रातें, जब हम साथ ना थे,
    कैसे काटीं वो सर्द रातें, जब हम साथ ना थे,।
    किसी की आगोश ने तुम्हें, मदहोश सुला दिया।
    वो क्या बात थी, जिसने तुम्हें, मेरा होने ना दिया।

    कब के बिछड़े हैं हम, अब जाने, कब मिलेंगे,
    कब के बिछड़े हैं हम, अब जाने, कब मिलेंगे।
    'नूरम' किसी अमल ने उसे, मेरा चेहरा भुला दिया।
    वो क्या बात थी, जिसने तुम्हें, मेरा होने ना दिया।

     गीत : शिकायत 

    वह शख्स अब मुझको ढूँढ़ता तो है
    एक बार ही सही अब पूँछता तो है
    कितना मरें हैं, उन्हें पाने के लिए
    उस शख्स को कोई बताता भी है?

    हम इंतज़ार में लेटे हैं, गुलदस्ते के
    फिर देर कर दी उसने आने में
    हममें न कुछ भी पसन्द था उन्हें
    जिंदगी बीत गई रूठने मानाने में ।

    अब ख्याल रखने का क्या फायदा
    यहाँ फर्क नहीं बाज़ू और बजरी में
    निसबत-ए-खास है, मेरे मुजस्समें से
    'नूरम' या नई शर्त है मुझे सताने में।

     गीत : जीना भूल गए 

    हाथ मिलन का बढ़ाया वैसे, बिछड़ा कोई मिल गया ऐसे
    हम चाह के भी हिल न पाए, नज़रों ने रोक लिया हो जैसे ।

    साँसों में साँस आ गई वैसे, बाँहों ने आपकी कस लिया ऐसे
    हम चाह के भी छुड़ा न पाए, हमने चाहना छोड़ दिया जैसे ।

    सासों में सासें घुल गई वैसे,आप होंठ करीब ले आये ऐसे,
    हम चाह के भी मुड़ न पाए, हम मुड़ना भूल गए हो जैसे ।

    एहसास वापस आ गया जिस्म में वैसे, हाथ फेरा आपने ऐसे,
    हम चाह के भी मना न कर पाए, रोकना भूल गए हो जैसे ।

    तंग कर कर के रात गुज़ार दी वैसे, 'नूरम' किसे नींद आये ऐसे?
    करवट बदल के आप क्या गए, हम जीना ही भूल गए जैसे ।

     गीत : तुम्हारा प्यार चाहिए 

    सुनो मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए, आज चाहिए और अभी चाहिए
    सोचने से फैसले कमज़ोर होते हैं, कमज़ोर फैसलों में जस्बात नहीं होते ।

    हम तो उम्मीद का दामन लाये थे, हम मोहब्बत भीख में नहीं लेते
    हाथों में समेट लेते तुम्हारी कमियाँ, गर तुम हमें बाँहों में समेट लेते ।

    हर बात पे टोकते थे आप हमें, जब हम लौट रहे थे, आप रोक लेते
    आज अलग होते नाज़ और नज़ारे, जो आप उस रोज़ इज़हार कर देते ।

    निकाह के दस्तखत क्या माने रखते, जो दिल पे दस्तखत कर लेते
    हमने तो आपको अपना था बनाना, काश आप ही पहल कर देते ।

    पहले आप, पहले आप की कश्मकश, काश रिवायतें आप तोड़ देते
    'नूरम' आपने भी हमें खूब बनाया, तकलीफ़-ए-तकल्लुफ़ सीख लेते ।

     गीत : आज़माइश 

    अपने दिल का हाल क्या, बताये तुम्हें
    अब वक़्त हो चला है, आज़माये तुम्हें ।

    यह बात बताओ कितना है, प्यार हमसे
    चलो वक़्त हो चला है, घर लेजाये तुम्हें ।

    आज रात सर्द है और कोई, गरज़ नहीं
    एक रत की तो बात है, कोई हर्ज नहीं ।

    यह मेहमान नवाज़िश है, कोई क़र्ज़ नहीं
    क्या तुम्हरा हमारी तरफ, कोई फ़र्ज़ नहीं ।

    हम ही हम लुटते रहे, दिल के व्यापर में
    तुम्हारे पास कारोबार का, कोई हिसाब नहीं ।

    घाटे का सौदा रहा आप से, मोहब्बत 'नूरम'
    जान भी ले ली और सुकून भी, दिया नहीं ।

     गीत : इस्तिसना 

    कैसे कहें तेरे हम साथ हैं, कैसे कहें तुझसे हम दूर हैं
    कैसे कहें तुझसे हाल-ए-दिल, कैसे कहें कितने मजबूर हैं ।

    निदा ने तेरा अक्स बनाया, बादलों ने तेरा पता दिया
    अज़्म-ए-सफ़र दिल का तेरे, कुछ धुंदला है, थोड़ा दूर है ।

    ख्वाबों में न हम-साज़ हुए, हमहीं को खुदगर्ज़ बता दिया
    ज़माना-ए-दराज़ से इंतज़ार (तेरा), वादों पे एतबार भी न किया ।

    तुमसे मिलने की बद-नज़्मी, जिस्म एक तरफ रख दिया
    क़ाबिल-ए-जवाज़ तसव्वुर (तेरा), हमने पुर-ज़ोर साबित किया ।

    बे-नियाज़, जज़बात-से-आरी, किस बेदर्द से दिल लगा लिया
    लुभाती है, इस्तिसना तेरी 'नूरम', इस कदर दीवना बना दिया ।

    निदा* आकाशीय या स्वर्गीय ध्वनी
    अज़्म-ए-सफ़र* यात्रा करने का इरादा
    ज़माना-ए-दराज़* लम्बा समय
    बद-नज़्मी* कुप्रबन्ध
    क़ाबिल-ए-जवाज़* साबित करना
    जज़बात-से-आरी* भावनाओं के बिना
    इस्तिसना* विनियोजन, रद्द करना

     गीत : मेरे महबूब 

    तू न तड़पे मोहब्बत में, तुझे करार मिले
    मेरे महबूब सनम तूझे, उम्मीदों का प्यार मिले ।

    तड़पना रातों में और तन्हाइयों में रोना
    मेरे महबूब सनम तूझे, ना यह एहसास मिले ।

    बेसुद भटकना रास्तों पे और लड़खड़ाके गिरना
    मेरे महबूब सनम तूझे, न कभी ऐसे दिन दिखे ।

    टूटे दिल से कर रहा हूँ यह दुआ तेरे लिए
    मेरे महबूब सनम तूझे, मेरा ख़ुदा मेहफ़ूज़ रखे ।

    मायूसी के आग़ोश में ज़ुल्मत-ख़ाना-ए-दिल हुए
    मेरे महबूब सनम तुझे, 'नूरम' का दीदार मिले ।

     गीत : खतावार तुम्हारे 

    आँसू भी न कह सके, बयां हम क्या करें
    तसव्वुर में बैठे हैं तुम्हारे, हया हम क्या करें ।

    आओ बैठो पास हमारे, गिला हम क्या करें
    तस्वीरों से बातें तुम्हारे, इल्तिजा हम क्या करें ।

    उस शाम का वोह जिक्र, भला हम क्या करें
    ख्वाहिशों की तुम्हारे, नज़्में पढ़ा हम क्या करें ।

    गुम - सुम थी वह सुबह, अंगड़ाई हम क्या करें
    शरीक थे हम तुम्हारे, पहल हम क्या करें ।

    खुदा से भी कहलवा दिया, शिकवा हम क्या करें
    खतावार हैं हम तुम्हारे, ' नूरम ' हम क्या करें ।

     गीत : ज़िक्र तुम्हारा 

    लम्हों में बाँध के हया, कम न करो,
    थाम लो हाथ ज़रा, अहद-ए-करम करो ।

    ख्वाहिशों की गलियोँ में, आग सी है,
    चलो साथ मेरे ज़रा, हुस्न आबाद करो ।

    यूँ ही गुज़रती है ज़िंदगी, गुज़र ही जायेगी
    तुम यूँ नज़दीक से ज़रा, गुज़रा न करो ।

    वादों का जिक्र हो तो, बुदबुदा देना तुम भी
    तुम्हारे लिए यह बात ज़रा, से अल्फ़ाज़ ही है ।

    रौशनी को आखिर, तुम्हारी ही जुस्तजू है
    तुम सामने रहो ज़रा, हर जज़्बात 'नूरम' ही है ।

     गीत : कसम आखिरी 

    मन बुनता रहे जाल, इक उलझन के तले,
    हर बहाने का लिहाज़, होता आखिरी ।

    चाहतों का फिसलना, इक मौके के लिए
    हर बार का रूठना, होता आखिरी ।

    दूर जाने का सोचना, इक पल के लिए
    वजह न बन जाये, धड़कन की आखरी ।

    होते है आशिक़, बदनाम किस लिए
    कहीं बन न जाये, यह ख़बर आखरी ।

    पहले लुभाना, फिर रौंदना किस लिए
    तेरे सवाल का जवाब, सितम आखरी ।

    रिश्ता आसुओं से, कर लिया किस लिए
    ' नूरम ' इबादत का तरीका है आखरी ।

     गीत : उस रोज़ 

    नज़रों से नज़रें क्या मिली, हम तो ईमान से गये,
    मिलें कभी लबों से लब, जाने वह मंज़र, क्या होगा ?

    होंगे साथ, शमो-सहर, वह आलम बेशक खास होगा,
    कहीं गेसू कहीं अंचल, चेहरे पर लिखा, क्या होगा ?

    आँखों में कईं अरमान, ज़ाहिर कोई ख्वाब होगा,
    नकाब हटते ही, रश्के कमर का दीदार, क्या होगा ?

    आरज़ू पर पहरा और मेरा प्यार बेदाग होगा,
    इंतज़ार के मारों का, लेकिन हाल, क्या होगा ?

    गर्म सासों की खुशबू, फरिश्तों को रश्क़ होगा,
    वस्ल की रात, ' नूरम ' तेरा ख्याल, क्या होगा ?

     गीत : वोह शफ़ीक़ (दोस्त) 

    वोह कौन है जो दिल पे, दस्तक दे रहा है
    सबर, कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो मदहोशी में, चल रहा है
    अबर* कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो खामोशी से, जल रहा है
    वबर* कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो ज़ख्मों को, तराश रहा है
    तबर* कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो अकड़ा हुआ, शर्मा रहा है
    नबर* कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो चलती हवा से, बदल रहा है
    ज़बर* कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो मेरी कब्र पे, रो रहा है
    बेखबर, कहीं यह तुम तो नहीं ।

    वोह कौन है जो सुबकते हुए, पुकार रहा है
    ' नूरम ' कहीं तुमने सुना तो नहीं ।

    (अबर*बहुत नेक)
    (वबर**बाल, ऊन)
    (तबर***एक हथियार)
    (नबर****उच्चतम, ऊॅंचा)
    (ज़बर*****ऊपर, ऊँचा, भारी)

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