Rhymes in Hindi

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     बालगीत : हैप्पी दिवाली 

    रोशनी है फैली, सुनहरी
    बात है यह, खुशियों की
    आज है दिन, दीपावली 
    मिलके झूमे मिल के घूमे
    आओ मनाये हैप्पी दिवाली
    दी दी दी हैप्पी दिवाली
    वा वा वा हैप्पी दिवाली
    ली ली ली हैप्पी दिवाली

     बालगीत : चुन्नू आया मुन्नी आई 

    चुन्नू आया मुन्नी आई
    गप-गप गप-गप
    मिठाई खाई ।

    मम्मी आई मम्मी आई
    बोली यह क्या भाई
    इतनी मिठाई ।

    पापा आये पापा आये
    बोले न न भाई
    सबकी मिठाई ।

    दादा आये दादी आई
    बोले और लो भाई
    ताजी मिठाई ।

    चाचा आये चाची आई
    सब ने मिल के
    मिठाई खाई ।

    मामा आये मामी आई
    दीप जलाये
    खुशियाँ मनाई ।

    मौसा आये मौसी आई
    बोले हमें भी भाई
    कैसी मिठाई ।

    चुन्नू बोला मुन्नी बोली
    हैप्पी वाली
    दिवाली आई ।

     बालगीत : दिवाली धूम-धाम 

    चुन्नू आया मुन्नी आई
    गप-गप गप-गप
    मिठाई खाई ।

    मम्मी आई मम्मी आई
    बोली यह क्या भाई
    इतनी मिठाई ।

    पापा आये पापा आये
    बोले न न भाई
    सबकी मिठाई ।

    दादा आये दादी आई
    बोले और लो भाई
    ताजी मिठाई ।

    चाचा आये चाची आई
    सब ने मिल के
    मिठाई खाई ।

    मामा आये मामी आई
    दीप जलाये
    खुशियाँ मनाई ।

    मौसा आये मौसी आई
    बोले हमें भी भाई
    कैसी मिठाई ।

    चुन्नू बोला मुन्नी बोली
    हैप्पी वाली
    दिवाली आई ।

     बालगीत : इधर - उधर 

    छाता उड़कर गया किधर,
    आओ देखे इधर - उधर ।
    जा पहुँचा पड़ोसी के घर,
    हाथ पकड़ कर लाओ इधर ।

    कुर्सी उड़के गई किधर,
    आओ देखे इधर - उधर ।
    जा पहुँची पड़ोसी के घर,
    टाँग पकड़ कर लाओ इधर ।

    नलका उड़कर गया किधर,
    आओ देखे इधर - उधर ।
    जा पहुँचा पड़ोसी के घर,
    मुंह पकड़ कर लाओ इधर ।

    चंदा मामा गए किधर,
    आओ देखे इधर - उधर ।
    जा पहुँचा पड़ोसी के घर,
    गाल पकड़ कर लाओ इधर ।

    बिल्ली मौसी गई किधर,
    आओ देखे इधर – उधर ।
    जा पहुंची पड़ोसी के घर,
    मूँछ पकड़ कर लाओ इधर ।

    नटखट बच्चा गया किधर,
    आओ देखे इधर - उधर ।
    जा पहुँचा पड़ोसी के घर,
    कान पकड़ कर लाओ इधर ।

     बालगीत : स्कूल का पहला दिन 

    मैं पहली कक्षा में आ गया,
    आज पहला दिन है।
    नई कमीज नहीं हाफ पेंट,
    यह कक्षा तो भिन्न है।

    मैं पढ़ूँगा और लिखूँगा,
    मैं बनूँगा होनहार।
    मैं खेलूँगा और कूदूँगा,
    मैं बनूँगा होशियार।

    मैं अध्यापक का कहना मानूँगा,
    और पाऊँगा उनका दुलार।
    अनुशासन में, मैं रहूँगा,
    तभी मैं कुछ सीख पाऊँगा।

    कक्षा में पढ़ते, हम चुप रहकर,
    मध्यांतर में रहते मिल-जुल कर।
    खेल के मैदान में, हम रम जाते
    कभी गेंद पकड़ते,कभी छोड़ आते।

    जब-जब निहारते, खिड़की से बाहर,
    तब-तब गदगद, हम हो जाते।
    सबसे अच्छी मुझको लगती,
    टन-टन-टन छुट्टी की घंटी।

    सबसे अच्छी मुझको लगती,
    टन-टन-टन छुट्टी की घंटी।
    सबसे अच्छी हमको लगती,
    टन-टन-टन छुट्टी की घंटी।

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